चर्चा में क्यों?
- केंद्र सरकार ने औपचारिक रूप से डिजिटल इंडिया अधिनियम, 2023 के एक प्रस्तावित संस्करण को रेखांकित किया है जिसका विधायी ढांचा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की जगह ले सकता है।
एक बड़े अम्ब्रेला के रूप मे
- डिजिटल इंडिया एक्ट (डीआईए) एक चार सूत्री कानून होगा, जिसमें से एक ड्राफ्ट डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल सरकार द्वारा पिछले साल पेश किया गया था। अन्य भाग निम्न हैं
- डीआईए के नियम।
- राष्ट्रीय डेटा शासन नीति।
- भारतीय दंड संहिता में संशोधन।
वैश्विक मानक के साइबर कानून
- डिजिटल इंडिया अधिनियम, 2023 के तहत प्रस्तावित वैश्विक मानक साइबर कानूनों का उद्देश्य भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करना है।
वैश्विक मानक साइबर कानूनों के उद्देश्यः
- सुनिश्चित करना कि भारतीय इंटरनेट खुला, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह है।
- नवाचार और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में तेजी लाना।
- इंटरनेट की जटिलताओं और मध्यस्थ प्रकारों के विस्तार का प्रबंधन करना।
- सरकार के डिजिटलीकरण में तेजी लाने और लोकतंत्र व शासन को मजबूत करने के लिए एक व्यवस्था विकसित करना।
- नागरिकों के अधिकार की रक्षा करना।
- उभरती प्रौद्योगिकियों और जोखिमों को संबोधित करना।
- फ्यूचर-प्रूफ और फ्यूचर-रेडी बनना।
डिजिटल इंडिया अधिनियम की आवश्यकत
- भारत में आज 850 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जबकि 2000 में 5.5 मिलियन उपयोगकर्ता थे।
- केंद्र सरकार के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा ‘डिजिटल रूप से जुड़ा लोकतंत्र’ है।
- इंटरनेट काफी हद तक आईटी अधिनियम, 2000 द्वारा शासित है, जिसे पूर्व-डिजिटल भारत में नवजात इंटरनेट पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बनाया गया था।
- उपयोगकर्ता अधिकारों, विश्वास और सुरक्षा पर प्रावधानों की कमी, अन्य चुनौतियों के बीच, आईटी अधिनियम के दायरे को सीमित करती है।
- इंटरनेट सूचना के स्रोत से गलत सूचना और झूठे समाचारों के लिए एक मंच के रूप में भी विकसित हुआ है।
- डेटा की कमी और गोपनीयता संरक्षण भी मौजूदा कानूनों की कमियां हैं जो भारत में इंटरनेट और साइबर स्पेस को विनियमित करते हैं, जिससे ओवरहाल की आवश्यकता बढ़ जाती है।
डिजिटल इंडिया लक्ष्य 2026
- 2025-26 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाना।
- प्रौद्योगिकियों के भविष्य को आकार देना।
- वैश्विक नवाचार और उद्यमिता प्रणाली विकसित करना।
- डिजिटल उत्पादों, उपकरणों, प्लेटफार्मों और समाधानों के लिए एक महत्त्वपूर्ण और विश्वसनीय वैश्विक खिलाड़ी बनना।
डीआईए का उद्देश्य
- डिजिटल इंडिया अधिनियम, 2023 का उद्देश्य निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त करना हैः
- एवोल्वेबल डिजिटल लॉः एवोल्वेबल नियम बनाएं जो प्रौद्योगिकियों में बदलते रुझानों के अनुरूप हों और देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे की जरूरतों के अनुसार अपडेट किए जा सके।
- अधिनिर्णायक तंत्रः ऑनलाइन सिविल और आपराधिक अपराधों के लिए एक आसानी से सुलभ अधिनिर्णयन तंत्र प्रदान करना।
- सिद्धांत और नियम-आधारित दृष्टिकोणः डीआईए अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए व्यापक शासी सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए एक विधायी ढांचा प्रदान करना।