यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)
विषय (Topic): डीकार्बाेनेटिंग ट्रांसपोर्ट इन इमर्जिंग इकोनॉमीज प्रोजेक्ट (Decarbonising Transport in Energy Economies Project)
चर्चा का कारण
- हाल ही में नीति आयोग और OECD के इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट फोरम ने भारत में इमर्जिंग इकोनॉमीज प्रोजेक्ट में संयुत्तफ़ रूप से Decarbonizing transport का शुभारंभ किया।
डीकार्बाेनेटिंग ट्रांसपोर्ट इन इमर्जिंग इकोनॉमीज प्रोजेक्ट
- यह विश्व के विभिन्न क्षेत्रें में डीकार्बाेनाइजेशन ट्रांसपोर्ट का समर्थन करता है।
- वर्तमान में इसमें भारत, अर्जेंटीना, अजरबैजान और मोरक्को देश शामिल है।
- DTEE अंतर्राष्ट्रीय परिवहन फोरम (ITF) और जर्मन फेडरल मिनिस्ट्री फॉर द एनवायरमेंट, नेचर कंजर्वेशन एंड न्यूक्लियर सेफ्रटी के इंटरनेशनल क्लाइमेट इनिशिएटिव (ICI) द्वारा समर्थित वुप्पर्टल इंस्टीट्ड्ढूट के बीच सहभागिता का परिणाम है।
- यह परियोजना सरकार को वर्तमान और भविष्य के परिवहन गतिविधियों की विस्तृत समझ प्रदान करेगी और CO2 उत्सर्जन से संबंधित उनके निर्णय लेने के आधार के रूप में कार्य करेगी।
प्रोजेक्ट का उद्देश्य
- इस महत्वाकांक्षी पंचवर्षीय परियोजना द्वारा मॉडलिंग टूल और नीति परिदृश्यों के विकास के माध्यम से भारत को कम कार्बन परिवहन प्रणाली की ओर एक मार्ग विकसित करने में मदद मिलेगी।
- यह परियोजना भारत के लिए जरूरत के मुताबिक परिवहन उत्सर्जन मूल्यांकन रूपरेखा तैयार करेगी।
- DTEE परियोजना भारत को अपनी जलवायु महत्वाकांक्षाओं के उचित कार्यान्वयन करने में मदद करेगी।
अंतर्राष्ट्रीय परिवहन फोरम (ITF)
- इस वर्ष 2006 में 43 देशों के मंत्रियों द्वारा स्थापित किया गया था।
- वर्तमान में यह 60 सदस्य देशों के साथ आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के अंतर्गत एक अंतर-सरकारी संगठन है। इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है।
- यह परिवहन नीति के लिए एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है और परिवहन मंत्रियों के वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन करता है।
- ITF एकमात्र वैश्विक निकाय है, जो सभी परिवहन साधनों को शामिल करता है।
- ITF प्रशासनिक रूप से OECD के साथ एकीकृत है, फिर भी राजनीतिक रूप से स्वायत्त है।
अन्य प्रमुख बिंदु
- भारत का परिवहन क्षेत्र तीसरा सबसे अधिक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जक कषेत्र है जहाँ प्रमुख योगदान सड़क परिवहन क्षेत्र से आता है
- भारत में कुल कार्बनडाईऑक्साइड उत्सर्जन में से 13 प्रतिशत परिवहन क्षेत्र से आता है, 1990 से ये उत्सर्जन तीन गुना अधिक हो चुका है
आगे की राह
- सामाजिक-आर्थिक कारकों जैसे कि जनसंख्या, आयु, आय आदि के बारे में हमारे विविध जनसांख्यिकी को देखते हुए, भारत में परिवहन की मांग का पहले अनुमान लगाना और फिर CO2 उत्सर्जन की गणना के लिए एक विस्तृत मॉडलिंग करना महत्वपूर्ण होगा।
- यह परियोजना हमारी भविष्य की शहरी नीतियों को बहुत अच्छी तरह से परिभाषित कर सकती है और हमें नीतियों को डिजाइन करने में मदद कर सकती है, जिससे भारत में सम्पूर्ण परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र के अत्यधिक कुशल और प्रभावी होने की संभावना है।
- हमारा देश बहुत तेजी से शहरीकरण कर रहा है, जो विभिन्न प्रकार के बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से गतिशीलता के प्रावधान के संदर्भ में बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकता है। इसलिए शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ हमारी रणनीतियों को भी हमारी आवश्यकताओं के अनुरूप होना चाहिए।