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Brain-booster / 03 Jan 2021

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: भारत, अमेरिका की करेंसी मैनिपुलेटर देशों की निगरानी सूची में शामिल (India included in the America's monitoring list of currency manipulator countries)

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यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए करेंट अफेयर्स ब्रेन बूस्टर (Current Affairs Brain Booster for UPSC & State PCS Examination)


विषय (Topic): भारत, अमेरिका की करेंसी मैनिपुलेटर देशों की निगरानी सूची में शामिल (India included in the America's monitoring list of currency manipulator countries)

भारत, अमेरिका की करेंसी मैनिपुलेटर देशों की निगरानी सूची में शामिल (India included in the America's monitoring list of currency manipulator countries)

चर्चा का कारण

  • हाल ही में अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने स्विटजरलैंड और वियतनाम को करेंसी के साथ छेड़छाड़ करने वाला देश बताया है और उन्हे ‘करेंसी मैनिपुलेटर’ की सूची में रखा है। इसके साथ ही भारत, ताइवान
    और थाइलैंड को भी निगरानी सूची में रखा गया है।

पृष्ठभूमि

  • गौरतलब है कि अमेरिकी का ट्रेजरी विभाग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और विनिमय दर नीति की समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर करेंसी मैनिपुलेटर्स देशों की पहचान करता है। इसी आधार पर यूएस ट्रेजरी विभाग ने स्विट्जरलैण्ड और वियतनाम द्वारा डॉलर के मुकाबले अपनी करेंसी का अवमूल्यन करने की आशंका के चलते, दोनों देशों को करेंसी मैनिपुलेटर की सूची में रखा है। अमेरिका के ट्रेजरी विभाग ने वियतनाम पर ‘अनुचित प्रतिस्पर्धी लाभ’ लेने का आरोप लगाया है।
  • अमेरिका के ट्रेजरी विभाग की इस निगरानी सूची में भारत, चीन, ताइवान के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली, सिंगापुर, थाइलैंड और मलेशिया शामिल हैं।
  • ट्रेजरी विभाग की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2020 से पहले की चार तिमाहियों में अमेरिका के चार प्रमुख व्यापारिक साझेदार देशों-भारत, वियतनाम, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर ने लगातार अपने विदेशी मुद्रा विनिमिय बाजार में दखल दिया है।

क्या होता है करेंसी मैनिपुलेटर?

  • अमेरिकी के ट्रेजरी विभाग द्वारा उन देशों को करेंसी मैनिपुलेटर घोषित किया जाता है, जो अनुचित मुद्रा प्रथाओं को अपनाकर डॉलर के मुकाबले अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करते हैं।
  • कोई देश अपनी मुद्रा के मूल्य को कृत्रिम रूप से कम करने की ऐसी अनुचित प्रथाओं का उपयोग दूसरे देश की तुलना में लाभ प्राप्त करने के लिए करता है।
  • मुद्रा का अवमूल्यन उस देश से निर्यात की लागत को कम करता है जिसके परिणामस्वरूप कृत्रिम रूप से व्यापार घाटे में कमी होने लगती है।

करेंसी मैनिपुलेटर देशों की पहचान के मापदंड

  • कोई भी अर्थव्यवस्था जो 2015 के व्यापार सुविधा और व्यापार प्रवर्तन अधिनियम के अंतर्गत निम्नलिखित तीन मानदंडों में से दो को पूरा करता है उसे अमेरिका के ट्रेजरी विभाग की इस निगरानी सूची में रखा जाता है-
  • उस देश का अमेरिका के साथ पिछले 12 माह के दौरान द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष कम से कम 20 अरब डॉलर का रहा हो,
  • पिछले 12 माह के दौरान उस देश की जीडीपी का 2 फीसदी से ज्यादा चालू खाता अधिशेष रहा हो,
  • 12 महीने की अवधि में उस देश की जीडीपी का 2 फीसदी से ज्यादा विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद हो।

भारत को निगरानी सूची में रखने का कारण

  • भारत का कई वर्षों से लगातार अमेरिका के साथ द्विपक्षीय माल व्यापार अधिशेष को बना हुआ है, जो अब $20 बिलियन का आंकड़ा भी पार कर चुका है। जून 2020 के पहले की चार तिमाहियों में द्विपक्षीय माल व्यापार अधिशेष $22 बिलियन था।
  • महामारी की शुरुआत के दौरान विदेशी मुद्रा की बिक्री के बाद, भारत ने 2020 की पहली छमाही के दौरान शुद्ध खरीद को बनाए रखा।
  • जून के पहले की चार तिमाही के दौरान भारत की विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद $64 बिलियन रही, जोकि जीडीपी का 2.4% से भी अधिक है। इस प्रकार भारत अमेरिका के ट्रेजरी विभाग के निर्धारित तीन मापदंडो में से 2 को पूरा करता है।

क्या होता है अवमूल्यन

  • अवमूल्यन का तात्पर्य अन्य मुद्राओं के संबंध में किसी एक मुद्रा के मूल्य में कमी करने से होता है। उदाहरण के लिए यदि डॉलर की तुलना में रुपए का अवमूल्यन किया गया तो आपको डॉलर खरीदने के लिए अत्यधिक रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
  • किसी देश के द्वारा अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करने से मुख्यतः 3 लाभ होते हैं-
  • इससे आयात महंगे हो जाते हैं और इससे विदेशी वस्तुओं का आयात हतोत्साहित होता है जिससे घरेलू उद्योगों को संरक्षण मिलता है।
  • इससे किसी देश के निर्यात अन्य देशों में सस्ते हो जाते हैं क्योंकि विदेशी आयातकों को अब पहले की तुलना में कम भुगतान करना होता है। इससे किसी देश के निर्यात की मांग बढ़ती है जिससे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलता है।
  • किसी भी देश के द्वारा अपनी मुद्रा के अवमूल्यन से उसका भुगतान संतुलन अनुकूल होता है।