खबरों में क्यों?
- 16 नवंबर, 2021 को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने लगभग साढ़े तीन घंटे तक मुलाकात की. चीन के सरकारी मीडिया ने शी के हवाले से कहा, "यह आग से खेल रहा है, तुम जल जाओगे" यह बयान ताइवान के प्रति अत्यधिक चीनी आक्रामकता को दर्शाता है
पीआरसी और आरओसी का निर्माण
- 1937 में जब जापान ने चीन पर आक्रमण किया, तो माओ त्से-तुंग के नेतृत्व में चीनी कम्युनिस्टों और जनरल च्यांग काई-शेक के नेतृत्व में राष्ट्रवादियों ने जापानियों के खिलाफ एक गठबंधन बनाया
- 1945 में मित्र देशों की सेना द्वारा जापान की हार के साथ, कम्युनिस्टों और राष्ट्रवादियों के बीच लड़ाई एक बार फिर भड़क गई, और जल्द ही चीन एक खूनी गृहयुद्ध में घिर गया
- जैसे ही कम्युनिस्ट ताकतें जीतने लगी, च्यांग ने चीनी मुख्य भूमि से 100 मील दूर ताइवान के द्वीप पर सैनिकों और सोने के भंडार को स्थानांतरित करना शुरू कर दिया
- 1 अक्टूबर, 1949 को बीजिंग में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की स्थापना के दो महीने बाद, च्यांग और राष्ट्रवादियों ने ताइवान पर निर्वासित सरकार के रूप में प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिक ऑफ चाइना (आरओसी) की स्थापना की. दोनों ने पूरे चीन की एकमात्र, वैध सरकार होने का दावा किया
चीन-ताइवान तनाव
- 1954-55 तथा 1958 में, पीआरसी ने ताइवान के नियंत्रण में जिनमेन, माजू और दचेन द्वीपों पर बमबारी की, जिसके कारण अमेरिका को बीच में आना पड़ा
- अमेरिकी कांग्रेस ने फार्मोसा प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति आइजनहावर को आरओसी की रक्षा के लिए अधिकृत किया
- 1995-96 में, चीन ने ताइवान के आसपास के समुद्रों में मिसाइलों का परीक्षण शुरू किया, जिससे वियतनाम युद्ध के बाद से इस क्षेत्र में सबसे बड़ी अमेरिकी सेना भेजी गई
क्या ताइवान (आरओसी) संयुक्त राष्ट्र का सदस्य है?
- नहीं, चीन संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में एक सदस्य के रूप में ताइवान की भागीदारी को विरोध करता है
- ताइपे नियमित रूप से इसके बहिष्कार का विरोध करता है. संयुक्त राज्य अमेरिका भी ऐसे संगठनों में ताइवान की सार्थक भागीदारी पर जोर देता है
- ताइवान चालीस से अधिक संगठनों में सदस्य है. उनमें से अधिकांश क्षेत्रीय, संगठन जैसे एशियाई विकास बैंक और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच, विश्व व्यापार संगठन आदि हैं
ताइवान के राजनयिक संबंध
- केवल पंद्रह देशो ने ताइवान के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंध बनाए हुए हैं. किसी भी सरकार ने कभी भी चीन और ताइवान दोनों के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं बनाए हैं
क्या ताइवान के लोग स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं?
- ताइवान में ज्यादातर लोग यथास्थिति बनाए रखने का समर्थन करते हैं
- राष्ट्रीय चेंगची विश्वविद्यालय द्वारा किए गए जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, एक छोटी संख्या तत्काल स्वतंत्रता का समर्थन करती है
- चीन के साथ ताइवान के एकीकरण के लिए बहुत कम देश समर्थन करते हैं
- एक भारी बहुमत "एक देश, दो प्रणाली" मॉडल को अस्वीकार करता है- यह बीजिंग द्वारा हांगकांग की स्वतंत्रता पर किये गये प्रहार के बाद बढ़ी है
वर्तमान गतिरोध के कारण
- 2016 में, ताइवान की वर्तमान राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन चुनी गयी. वह डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) का नेतृत्व करती हैं, जो चीन से अंतिम आधिकारिक स्वतंत्रता की पक्षधर है
- सुश्री त्साई ने 2020 में दूसरा कार्यकाल शुरू किया. उस समय तक ताइवान ने हांगकांग की अशांति तथा दमन को देखा था
- पिछले साल, कोविड और व्यापार पर अमेरिका-चीन के बिगड़ते संबंधों के बीच, विदेश विभाग ने अपना सर्वोच्च रैंकिंग प्रतिनिधिमंडल ताइपे भेजा था
- अक्टूबर 2020 में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएलए को युद्ध की तैयारी करने के लिए कहा, जिससे ताइवान में सतर्कता बढ़ गयी है
- बाइडेन प्रशासन, ताइवान के लिए "रॉक सॉलिड" प्रतिबद्धता घोषित की है. ताइपे ने चीनी युद्धक विमानों द्वारा घुसपैठ के बारे में विश्व को आगाह किया है