खबरों में क्यों?
- 28 जनवरी को, फिलीपींस ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के तट आधारित एंटी-शिप संस्करण की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह मिसाइल के लिए पहला निर्यात ऑर्डर है
सौदे के बारे में
- फिलीपींस के साथ हुए अनुबंध के अंतर्गत तीन ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी की डिलीवरी, ऑपरेटरों और अनुरक्षकों के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ आवश्यक एकीकृत रसद समर्थन (ILS) पैकेज शामिल हैं.
- फिलीपींस मरीन की तटीय रक्षा रेजिमेंट, जो नौसेना के अधीन है, मिसाइल प्रणाली का प्राथमिक नियोक्ता होगी.
- सौदे की लागत $374.96 मिलियन होगी
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के बारे में
- ब्रह्मोस एयरोस्पेस का गठन DRDO और NPO Mashinostroeniya रूस के बीच एक संयुत्तफ़ उद्यम के रूप में किया गया था.
- ब्रह्मोस नाम दो नदियों, भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा के नाम से बना है
रेंज
- मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) के नियमो के अनुसार ब्रह्मोस की सीमा मूल रूप से 290 किलोमीटर तक सीमित थी, जिसमें रूस एक हस्ताक्षरकर्ता था.
- जून 2016 में क्लब में भारत के प्रवेश के बाद, इस सीमा को पहले 450 किलोमीटर और बाद में 600 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना की घोषणा की गई.
- 450 किलोमीटर तक विस्तारित रेंज वाले ब्रह्मोस का परीक्षण कई बार किया गया है
प्लेटफॉर्म
I. जहाज आधारित हथियार प्रणाली
- इसका नौसैनिक विन्यास, हथियार को समुद्र या भूमि लक्ष्यों के खिलाफ स्टैंड-ऑफ रेंज से चलती या स्थिर समुद्री प्लेटफॉर्म से लंबवत या झुकाव मोड में लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है.
- ब्रह्मोस को "प्राइम स्ट्राइक वेपन" के रूप में डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट सहित भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन सर्फेस कॉम्बैट प्लेटफॉर्म पर तैनात किया गया है
II. भूमि आधारित हथियार प्रणाली
- भूमि आधारित हथियार प्रणाली में 4 से 6 मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर होते हैं.
- प्रणाली जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम से लैस है
III. एयर लॉन्च हथियार प्रणाली
- हवा से प्रक्षेपित क्रूज मिसाइल (एएलसीएम) में समुद्र और जमीन के लक्ष्यों के खिलाफ सटीक हमले की क्षमता है।
- Su-30MKI में लगने वाला सबसे भारी और सबसे शक्तिशाली हथियार ब्रह्मोस एएलसीएम
IV. पनडुब्बी लॉन्च संस्करण
- ब्रह्मोस मिसाइल पनडुब्बी से 40-50 मीटर की गहराई से लॉन्च की जा सकती है
अन्य इच्छुक ग्राहक
- फिलीपींस सेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों का सौदा लंबे समय से लंबित है जो निकट भविष्य में प्रगति देख सकता है.
- अगला ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सौदा शीघ्र ही होने की संभावना है क्योंकि इंडोनेशिया और थाईलैंड के साथ बातचीत अंतिम चरणों में है.
- कथित तौर पर पश्चिम एशिया के देशों से भी ब्रह्मोस के लिए रुचि है
सुर्खियों में अन्य उत्पाद
- भारत द्वारा दिए गये 100 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) के तहत सात ध्रुव उन्नत हल्के हेलीकाप्टरों और आठ डोर्नियर डीओ228 विमानों की खरीद के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को फिलीपींस के तटरक्षक बल के साथ वार्ता हो रही है.
- भारतीय कंपनियों के लिए फिलीपींस में समुद्री क्षेत्र और जहाज निर्माण अत्यंत संभावित क्षेत्र है.
- संभवतः भारत का एलसीए तेजस, मलेशिया की वायु सेना की आवश्यकताओं को पूर्ण करेगा
सरकार का लक्ष्य
- 2025 तक एयरोस्पेस और रक्षा वस्तुओं और सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपये के निर्यात सहित 25 अरब डॉलर या 1,75,000 करोड़ रुपये के रक्षा विनिर्माण कारोबार का लक्ष्य रखा गया है
- भारत ने बिक्री के लिए सैन्य हार्डवेयर की एक श्रृंखला रखी है जिसमें
विभिन्न मिसाइल सिस्टम, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्रट (एलसीए), हेलीकॉप्टर,
युद्धपोत और गश्ती जहाज, आर्टिलरी गन, टैंक, रडार, सैन्य वाहन, इलेक्ट्रॉनिक
युद्ध प्रणाली के
अलावा अन्य हथियार सिस्टम शामिल हैं
सरकार द्वारा उठाये गये कदम
- सरलीकृत रक्षा औद्योगिक लाइसेंसिंग.
- निर्यात नियंत्रण में ढील.
- अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्रदान करना.
- रक्षा उत्पादों के आयात के लिए कस्टमर देशों को ऋण सहायता (एलओसी) का विस्तार करना.
- रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में भारतीय मिशनों में रक्षा संलग्नकों को सशक्त बनाना.
- प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों के निर्यात के लिए तेजी से अनुमोदन प्रदान करने के लिए, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की एक समिति का गठन किया गया है.