चर्चा में क्यों?
- नीति आयोग ने हाल ही में सेब की खेती पर हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ मिलकर एक पायलट परियोजना शुरू की है। गुणवत्तापूर्ण उत्पादन सुनिश्चित करने और आपूर्ति शृंखला एवं संपूर्ण भंडारण में उपज की निगरानी करने के लिए भारतीय प्राकृतिक खेती को ब्लॉकचेन के माध्यम से एक तकनीकी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद हैं।
ब्लॉकचेन के बारे में
- ब्लॉकचेन, सामान्य शब्दों में, खातों और लेन-देन का एक बहीखाता है जो सभी प्रतिभागियों द्वारा लिखा और संग्रहीत किया जाता है।
- आम तौर पर पीयर-टू-पीयर नेटवर्क के माध्यम से सभी सहभागी पार्टियों द्वारा बहीखाते को सामूहिक रूप से प्रबंधित किया जाता है।
- एकाधिक पक्ष नए डेटाबेस को एक्सेस और मान्य कर सकते हैं, सुरक्षा बढ़ा सकते हैं और भ्रष्टाचार के जोखिम को कम कर सकते हैं।
कृषि क्षेत्र और ब्लॉकचेन
- हालांकि भारत फलों और सब्जियों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है, लेकिन दुनिया भर में इसका निर्यात हिस्सा केवल 1% है।
- ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी गुणवत्ता की कमी और पता लगाने की क्षमता के बीच की दूरी को कम करने में मदद कर सकती है, जिससे भारत के खाद्य निर्यात में वृद्धि के साथ-साथ उत्पादकों को प्रोत्साहन भी मिलेगा।
- इसमें IoT सेंसर का उपयोग फसल डेटा उत्पन्न करने, खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों को उगाई गई फसलों के वितरण और थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को प्रसंस्कृत खाद्य की आपूर्ति के लिए किया जाता है।
- इससे हर स्तर पर उत्पाद के बारे में जानकारी दर्ज करने से लेकर अनावश्यक प्रक्रियाओं को हटाने, तथा गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करने और भंडारण की स्थिति की निगरानी करने में मदद मिल सकती है।
- यहां तक कि उपभोत्तफ़ा भी उत्पाद खरीदते समय गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए उत्पादों की आपूर्ति शृंखला का पता लगा सकते हैं।
बाधाएं
- ब्लॉकचौन प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग के संबंध में चिंताएं रही हैं। उदाहरण के लिए, निजी तौर पर आयोजित ब्लॉकचेन में कम सुरक्षा होती है और इसे हैक करना आसान होता है।
- छोटे पैमाने के किसान जो इस तकनीक से अवगत नहीं हैं तथा जिन्हें तकनीकी जानकारी की कमी है, वे पीछे रह सकते हैं।
- छोटे किसानों और ग्रामीणों की सेवा के लिए, ब्लॉकचेन कार्यान्वयन को विकेंद्रीकृत किया जाना चाहिए यद्यपि सुरक्षा देश के लिए एक समस्या बनी रहेगी।
- उन लोगों को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है जिनमें डिजिटल साक्षरता की कमी है तथा जिन्हें ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करने की आवश्यकता है वरना डिजिटल साक्षरता की कमी उन्हें भागीदारी से रोक सकती है।
भारत में फल और सब्जियां
- कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के अनुसार, भारत ने 2021-22 में $1.52 बिलियन मूल्य के ताजे फल और सब्जियों का निर्यात किया।
- जबकि, प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों (दालें, प्रसंस्कृत फल और रस आदि) का निर्यात लगभग $1.73 बिलियन था।
- भारत के ताजे फल और सब्जियों के प्रमुख निर्यात स्थलों में बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, नेपाल, नीदरलैंड, मलेशिया, श्रीलंका, ओमान और कतर शामिल हैं।
आगे की राह
- सेब पर पायलट परियोजना के पूरा होने के बाद, इस मॉडल को अंगूर, आम, अनार, केले और सब्जियों सहित अन्य फसलों के साथ दोहराया जाएगा।
- ब्लॉकचेन तकनीक अनैतिक फसल उत्पादन और वितरण को रोककर सुरक्षा बढ़ा सकती है, जो खाद्य आपूर्ति शृंखला में पारदर्शिता को बढ़ावा देते हुए किसानों की आजीविका को जोखिम में डालती है।
- यह उपभोक्ताओं को बेहतर सूचित विकल्प बनाने में सहायता देगा, और खाद्य और वित्त के मामले में (यदि ठीक से लागू किया जाएं) सुरक्षा की आवश्यकता वाले छोटे पैमाने के किसानों की सहायता करने में सक्षम होगा ।