संदर्भ:
● एलोन मस्क द्वारा 2016 में स्थापित, न्यूरालिंक ने पहली बार किसी इंसान में अपना वायरलेस ब्रेन चिप स्थापित किया है जिसे टेलीपैथी कहा जाता है।
● यह उपकरण, जिसे टेलीपैथी कहा जाता है, में एक सिक्के के आकार का चिप शामिल होता है जिसे खोपड़ी (Skull) में सर्जिकल रूप से प्रत्यारोपित किया जाता है और अल्ट्रा-पतले तारों द्वारा मस्तिष्क से जोड़ा जाता है, जिससे एक ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफ़ेस बनता है।
कार्यप्रणाली:
● प्रारंभिक अनुप्रयोग: प्रारंभिक चरण में, न्यूरालिंक ब्रेन चिप उपयोगकर्ताओं को विचारों के माध्यम से फोन या कंप्यूटर को नियंत्रित करने की सुविधा देगा।
● विस्तृत अनुप्रयोग: भविष्य में, इस तकनीक का उपयोग व्यापक अनुप्रयोगों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोगों के लिए मोटर कार्यों को बहाल करना।
● मानव परीक्षण: वर्तमान में चल रहे मानव परीक्षण का उद्देश्य डिवाइस की सुरक्षा और प्रभावशीलता संबंधी डेटा एकत्र करना और डिवाइस को बेहतर बनाना है।
नैतिक चिंता: नैतिक चिंताओं में मस्तिष्क सर्जरी से जुड़े जोखिम, गोपनीयता के मुद्दे और संभावित निगरानी संबंधी चिंताएं शामिल हैं। न्यूरालिंक ने पहले बंदरों और सूअरों पर चिप का परीक्षण किया है।
निष्कर्ष: न्यूरालिंक ब्रेन चिप में मानव क्षमताओं को बेहतर बनाने की क्षमता है, लेकिन इसके साथ महत्वपूर्ण नैतिक चिंताएं भी जुड़ी हैं। इन चिंताओं को संबोधित करने और तकनीक को जिम्मेदारी से विकसित करने के लिए सार्वजनिक बहस और नियामक ढांचे की आवश्यकता है।