संदर्भ:-
भारत अपने तीन-चरणीय परमाणु कार्यक्रम के दूसरे चरण में पहुँच गया है।
चरण-1
प्राकृतिक यूरेनियम का उपयोग भारी जल रिएक्टर में ईंधन के रूप में किया जाता है, जिससे प्लूटोनियम और अवक्षयित यूरेनियम का उत्पादन होता है।
चरण-2
इसमें ईंधन के रूप में थोरियम के साथ-साथ थोड़ी मात्रा में प्लूटोनियम और प्राकृतिक यूरेनियम का मिश्रण इस्तेमाल किया जाता है, जिससे U-233 का उत्पादन होता है।
चरण-3
इसमें थोरियम और यूरेनियम ईंधन का उपयोग किया जाता है। इसके तहत थोरियम U-233 में बदल जाता है जो फिर से रिएक्टर में ईंधन का काम करता है।